Oct 26, 2010

बैश बेचियों !

-सुवास आम्बोटेली
यो पल्ट, शहरमा बैश बेचियों
रहरै रहरमा बैश बेचियों

राराको कुवामा अन्जुली भरेर
खाडीको नहरमा बैश बेचियों

जीवनको मधुरस राखेर धितो
आश्चर्य ! जहरमा बैश बेचियों

जीन्दगी उतै छ,हाउगुजी हाउ
अल्लारे ठहरमा बैश बेचियों

यो पल्ट, शहरमा बैश बेचियों
रहरै रहरमा बैश बेचियों

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